विशेषण किसे कहते हैं परिभाषा और भेद उदाहरण सहित कक्षा 5 6 7 8 9 10 11 & 12, विशेषण के प्रकार सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective) गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality) संख्यावाचक संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number) परिमाणबोधक विशेषण (Adjective of Quantity) के पारे में पूरी जानकारी
विशेषण किसे कहते हैं (Adjective)
विशेषण की परिभाषा: ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं। ऐसे शब्द जो कि विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं और जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे “विशेष्य” कहा जाता है।
जैसे- लंबा आदमी गिर पड़ा।
यहां पर “लंबा” विशेषण है ‘आदमी विशेष्य (संज्ञा) है।
विशेष्य- जिस भी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताई जाए उसे विशेष्य कहते हैं जैसे –
राम गोरा है
इसमें गोरा विशेषण हैं और राम विशेष्य है।
नोट- विशेष्य शब्द विशेषण से पहले भी सकता है और उसके बाद भी
- विशेष्य जब पूर्व में आते हैं
- एक मीटर रस्सी लेकर आना।
- ज्यादा पानी चहिये।
विशेषण के भेद – Visheshan ke Bhed
वैसे तो विशेषण के प्रकार या भेद एक विवादास्पद मामला है लेकिन इसके बाबजूद भी इसका 3 तरह से भेदिकरण किया जा सकता है।
अर्थ की दृष्टि से विशेषण के प्रकार निम्न हैं।
- गुणवाचक
- संख्यावाचक
- परिमाणवाचक
रचना की दृष्टि से विशेषण के प्रकार
- मूल
- यौगिक
रूप की दृष्टि से
- अविकारी (मूल या स्वतंत्र)
- विकार (योगिक)
विशेषण के प्रकार
अध्ययन की सुविधा के अनुसार सर्वनाम 4 प्रकार के होते हैं जो निम्न हैं
- सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective)
- गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
- संख्यावाचक संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
- परिमाणबोधक विशेषण (Adjective of Quantity)
1. सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective)
ऐसे सर्वनाम जो विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। इसका मतलब यह है कि ऐसे सर्वनाम जो कि संज्ञा के पहले आते हैं और विशेषण की तरह संज्ञा की विशेषता बताते हैं उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
नोट– पुरुषवाचक और निजवाचक को छोड़कर बाकि सभी सर्वनाम संज्ञा के साथ प्रयोग होकर सार्वनामिक विशेषण बन सकते हैं।
उदाहरण
- यह पुस्तक मेरी है।
- यह मूर्ति किसकी है?
- कोई व्यक्ति यहाँ खड़ा है।
सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर
जो शब्द (सर्वनाम) संज्ञा के स्थान पर आते हैं वे सर्वनाम कहलाते हैं लेकिन जो सर्वनाम, संज्ञा के साथ प्रयुक्त होते है वे सार्वनामिक विशेषण होते हैं।
जैसे-
यह लड़की है (यह-निश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है)
यह एक अच्छी लड़की है (यह सार्वनामिक विशेषण है)
सार्वनामिक विशेषण के दो भेद हैं-
बता दें कि व्युत्पति की दृष्टि से सार्वनामिक विशेषण दो प्रकार के होते हैं जिनके बारे ने हमने नीचे बताया है।
- मौलिक सार्वनामिक विशेषण : जो सर्वनाम रूपान्तर के मौलिक रूप में विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उन्हें मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
उदहारण:
वह लड़का घर जा रहा है।
कोई लड़की मेरा काम कर दे।
कुछ लड़की स्कूल नहीं आयी।
कोई बच्चा रो रहा है।
- यौगिक सार्वनामिक विशेषण: ऐसे सर्वनाम जो कि रूपान्तरित होकर संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हैं वे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
उदहारण
- ऐसा लड़का कहीं नहीं देखा।
- कैसी कार चाहिए।
- जैसा देश वैसा भेष
ऐसे सर्वनाम जो संज्ञा या सर्वनाम के स्वाभाव और गुण-धर्म का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality) कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो गुण, रूप, रंग का बोध कराने विशेषण को गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे
- आकार बोधक- गोल, चौकोर, लंबा, पतला, मोटा
- रंगबोधक- लाल, काला, पीला, नीला
- स्थानबोधक- निचले, उपरले
- दशाबोधक- जवान, बुढा, मोटा, पतला
- गुणबोधक- अच्छा, भला, बुरा
- कालबोधक- नया, पुराना, प्राचीन, नवीन
3. संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
ऐसे विशेषण या शब्द जो कि संज्ञा यासर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
बता दें कि संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।
निश्चित संख्यावाचक: जो किसी निश्चित संख्या का बोध कराते हैं जैसे चार लड़की, पांच कुत्ते, सौ रूपये आदि।
निश्चित संख्यावाचक विशेषणों को प्रयोग के अनुसार निम्न भेदों में विभक्त किया जा सकता है-
पूर्णांक बोधक विशेषण- एक, दो, पांच, पचास
- एक लड़की घर जा रही है।
- पचास रूपये चाहिए।
- चार केले दीजिये।
- मेरे चार दोस्त हैं।
अपूर्णांक बोधक विशेषण- आधा, पौन, डेढ़, ढाई,
- मेरे पर्स में ढाई रूपये हैं।
- मेरी मम्मी ने मुझे ढाई सो रूपये दिए।
- दुकानदार ने मुझे आधा लीटर तेल कम दिया।
क्रमवाचक विशेषण- पहला, दूसरा, चौथा, दसवा,
- रश्मि कक्षा में प्रथम आई।
- अमर प्रथम श्रेणी में पास हुआ।
आवृत्तिवाचक विशेषण- दुगना, तिगुना, सौगुना
- रश्मि तुमसे दुगना काम करती है।
- राम तुमसे दुगना मोटा है।
समूहवाचक विशेषण- दोनों, तीनो, पाँचों
तुम तीनो यहाँ आओ।
तुम दोनों घर जाओ।
प्रत्येक बोधक विशेषण- हर एक, प्रत्येक, प्रति, एक-एक
- कल एक-एक छात्र की पिटाई हुई।
- प्रत्येक छात्र को कल स्कूल आना है।
अनिश्चित संख्यावाचक: ऐसे शब्द जिनसे अनिश्चित संख्या का बोध होता है वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे
- कुछ लड़के घर चले गए।
- कई लोग आने वाले हैं।
- सब कुछ खत्म हो गया।
4. परिमाणबोधक विशेषण (Adjective of Quantity)
ऐसी शब्द जिनसे वस्तु की नाप-तौल या संज्ञा/सर्वनाम के परिमाण का बोध होता है वे परिमाणबोधक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण
- मुझे 2 लीटर तेल दे दो।
- उसे एक किलो घी चाहिए।
- उस प्यासे को थोड़ा पानी पिला दो।
बता दें परिमाणबोधक विशेषण के 2 भेद होते हैं।
1. निश्चित परिमाण-बोधकः दस किलो शक्कर, पांच किलो घी
2. अनिश्चित परिमाण-बोधकः बहुत पानी, थोड़ा दही
आपको बता दें अधिकांश विशेषण परिणामबोधक और संख्यावाचक दोनों होते हैं। परिमाण-बोधक भाववाचक, द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं। जब विशेषण एक वचन संज्ञा के साथ आता है तो परिमाणबोधक विशेषण होता है। परन्तु जब विशेषण बहुबचन संज्ञा के साथ आता है तो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
- उस कक्षा में बहुत लडकियां हैं। (यहाँ पर बहुत संख्या बाचक विशेषण है)
- कुछ काम करो। (कुछ परिमाणबोधक विशेषण)
- कुछ लड़कों को बुलाओ (कुछ-संख्यावाचक विशेषण)
- आधे पैसे बांट दो। (आधे परिमाणबोधक विशेषण)
- कक्षा में आधे छात्र अनुपस्थित थे। (आधे-संख्यावाचक विशेषण)
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