Khatushyam Temple Rajasthan in Hindi: खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान की पूरी जानकारी

Khatushyam Temple Jaipur Rajasthan in Hindi: खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर खाटू नाम के एक गांव में स्थित हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर हिंदू धर्म धर्म का एक बहुत ही प्रतिष्ठित है जहाँ पर हर साल 80 लाख से भी ज्यादा भक्त आते हैं। खाटूश्याम मंदिर (Khatu Shyamji Temple jaipur) एक बहुत ही सुंदर संरचना है और इसका अपना एक अलग ही धार्मिक महत्त्व है। बता दें कि यहाँ पर रोजाना हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और भगवान् का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। खाटू श्याम जी मंदिर (Khatu Shyamji Temple) को 1027 ईस्वी में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी निरामला कंवर के द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर को लेकर भक्तों का विश्वास है कि यहाँ पर जो भी मनोकामना सच्चे दिल से मांगी जाती है वो अवश्य पूरी होती है।

खाटूश्याम मंदिर से जुड़ी किंवदंतियाँ- What is the story behind Khatu Shyamji Temple Jaipur in Hindi

story behind Khatu Shyamji Temple Jaipur in Hindi

आपको बता दें कि खाटू श्याम जी मंदिर (Khatu Shyamji Temple) की उत्पत्ति को लेकर कई सारी किंवदंतियाँ कही जाती है। जिसमें से एक में कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध खत्म हुआ था तो खाटू गांव में बर्बरीक का सिर दफ़न कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद कई सालों तक यह दफ़न स्थल अज्ञात रहा था लेकिन कलियुग शुरू होने के बाद एक गाय उस स्थान पर पहुंची जहाँ पर बर्बरीक का सर दफ़न दिया गया था और उस समय उसके थन से दूध निकलने लगा।

उस समय वहां पर मौजूद गांव वाले यह दृश्य देख कर हैरान रह गए। सिएक बाद उन्होंने घटना के पास वाले स्थान को खोदा तो उन्हें वहां पर बर्बरीक दफ़न किया गया सिर मिला। गांव वालों ने उस सिर को एक ब्राह्मण को सौंप दिया जिसने इसे अपने पास रख कर लंबे समय तक इसकी पूजा की।

जब यह घटना घटित हुई तब उस समय रूपसिंह चौहान खाटू (गांव) के राजा थे। रूपसिंह चौहान एक रातउन्होंने सपना देखा जिसने उन्हें इस सिर को सम्मान देने और मंदिर का निर्माण करने के लिए प्रेरणा दी। इसके बाद रूपसिंह चौहान ने ऐसा ही किया। आपको बता दें कि इस मंदिर का उद्घाटन कार्तिक महीने में किया गया था।

खाटूश्याम मंदिर का इतिहास- History of Khatu shyam ji Temple Jaipur in Hindi

History of Khatu shyam ji Temple Jaipur in Hindi

खाटू श्याम जी मंदिर को सबसे पहले 1027 ई में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने बनवाया था। इसके बाद 1720 ईस्वी में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और रईस- दीवान अभयसिंह इस मंदिर को पुनर्निर्मित किया गया। उसके द्वारा मंदिर में गर्भगृह का निर्माण किया गया और मूर्ति स्थापित की गई थी।आज जिस संरचना को आप देखते है वो उसी समय की है।

खाटूश्याम मंदिर में उत्सव- Festival in KhatuShyam ji Temple Jaipur in Hindi

Festival in KhatuShyam ji Temple Jaipur in Hindi

फाल्गुन मेला खाटूश्याम जी मंदिर (Khatu Shyamji Temple) के प्रमुख त्योहारों में से एक है। आपको बता दें कि हर साल फाल्गुन (फरवरी/मार्च) के महीने मंदिर में 5 दिवसीय त्यौहार मनाया जाता है। इस समयनियमित भक्तों और तीर्थयात्रियों के अलावा, कई संगीतकार श्याम जी के भजन और आरती गाने के लिए मंदिर आते हैं।

इस समय निशान यात्रा भी की जाती है जिसमें कई भक्त एक ही समय में पास के शहर रिंगस से खाटू धाम तक की यात्रा पैदल करते हैं। भक्त 19 किलोमीटर की इस यात्रा को आगे बढाने के लिय एक झंडा खरीदते हैं और श्री श्याम के मंत्रों जाप करते हैं। इस दौरान कुछ लोग रंग भी खेलते हैं और वहीँ कुछ लोग रास्ते में गरीबों को खाना बांटते हैं। ऐसा माना जाता है पैदल निशान यात्रा करके ध्वज श्याम बाबा को चढाने वे प्रसन्न होते हैं और मनोकामना की पूर्ति होती है।

खाटूश्याम मंदिर में दर्शन का समय- Khatushyam Temple Timings in Hindi

Khatushyam Temple Timings in Hindi

खाटूश्याम मंदिर (Khatu Shyamji Temple) में सर्दी के मौसम दर्शन करने का समय सुबह 5:30 – दोपहर 1:00 और शाम को 4:30 – 9:00 रात तक होता है। वहीँ गर्मियों के मौसम में सुबह 4:30 से  – 12:30 तक  और शाम 4:00 – रात 10:00 बजे तक होता है।

खाटू श्याम मंदिर आरती टाइमिंग- Aarti timings at Khatu Shyam Ji Mandir Jaipur in Hindi

मंगल आरती

Aarti timings at Khatu Shyam Ji Mandir Jaipur in Hindi

सर्दी के मौसम में खाटू श्याम जी मंदिर में मंगल आरती का समय सुबह 5:30 बजे और गर्मी के मौसम में सुबह 4:30 बजे होता है।

श्रृंगार आरती

यह उस समय की जाती है जब सुबह बाबा श्याम को तैयार किया जाता है। सर्दी के मौसम में इसका समय सुबह 8:00 बजे, गर्मी के मौसम में सुबह 7:00 बजे होता है।

भोग आरती

भोग आरती के समय बाबा को भोग या फिर प्रसाद परोसा जाता है (सर्दियों के मौसम में भोग आरती कसम्ये  दोपहर 12:30 बजे और गर्मी के मौसम में भी दोपहर 12:30 बजे होता है।

संध्या आरती

यह आरती शाम को सूर्यास्त के समय की जाती है। सर्दी के मौसम में इस आरती का समय शाम 6:30 बजे और गर्मी के मौसम में शाम 7:30 बजे होता है।

शयन आरती

यह आरती रात में मंदिर बंद करते समय की जाती है। सर्दी के मौसम में शयन आरती का समय रात 8:30 बजे और गर्मियों के मौसम में रात 9:30 बजे होता है।

खाटूश्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे (How to Reach khatu Shyam ji temple in Hindi)

How to Reach khatu Shyam ji temple in Hindi

अगर आप खाटू श्याम जी मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रिंगस में है जो मंदिर से 18.5 किमी की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए कई जीप, टैक्सी और बसें आसानी से मिल जायेंगे और अपनी मंजिल तक ले जायेंगे. मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है या तो आप सार्वजनिक परिवहन में यात्रा

कर सकते हैं या फिर कोई कैब किराये पर ले सकते हैं, जो रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको आसानी से मिल जायेंगे. मंदिर जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में है जो मंदिर से 95 किमी की दूरी पर है।

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