इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर की पूरी जानकारी हिंदी में – Bijasan Mata Mandir Indergarh In Hindi

indergarh ki bijasan mata mandir indergarh, इंदरगढ़ की बिजासन माता मंदिर की पूरी जानकारी: राजस्थान के बूंदी जिले के इंदरगढ़ में बिजासन माता मंदिर स्थित (indergarh ki bijasan mata) है जहाँ पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाते हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर बूंदी जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण बूंदी के शासक राव शत्रुसाल के छोटे भाई “इंद्रसाल” के द्वारा करवाया गया था। उसके द्वारा यहाँ पर ढेरों किले और महल भी बनवाये गएँ है। इंदरगढ़ में बिजासन माता मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित हैं जहाँ पर यात्रियों जी सीढ़ी के माध्यम से जाना होता है। मंदिर तक जाने के लिए लगभग 800 सीढ़ियां बनी हुई है।

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इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर का अपना एक अलग ही धार्मिक महत्त्व है और इसलिए यहाँ पर बड़ी संख्या में दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन करने और मनोकामना पूरी करने आते हैं। इसके अलावा यहाँ बहुत से लोग संतान प्राप्ति और नवविवाहित जोड़े अपने जीवन को सूखी बनाने की मनोकामना लेकर माता के मंदिर में आते हैं। अगर आप इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर (indergarh bijasan mata mandir) के बारे में और जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरुर पढ़ें। क्योंकि यहाँ हम आपको इंदरगढ़ में स्थित बिजासन माता मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

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इंदरगढ़ के बिजासन माता मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा- History and Mythology of Bijasan Mata Temple of Indergarh in Hindi

History and Mythology of Bijasan Mata Temple of Indergarh in Hindi

बिजासन माता माता हिंदू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। भक्त माता के पास अपनी मनोकामना लेकर जाते है। आपको बता दें कि इंदरगढ़ के बिजासन माता मंदिर को एक बहुत ही पवित्र स्थल माना जाता है। इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा भी है जिसके अनुसार 2000 साल पहले माता ने अपने भक्त कमलनाथ को दर्शन दिए थे। आपको बता दें कि कमलनाथ माता दुर्गा के बहुत भक्त थे और उनकी अटूट आस्था और श्रद्धा से प्रसन्न होकर माता ने उन्हें दर्शन दिए थे। इस पौराणिक कथा को लेकर ही यहाँ पर बिजासन माता की मूर्ति को स्थापित किया गया था।

बिजासन माता और रक्तबीज की कहानी (Bijasan Mata And Raktbeej Story in Hindi)

Bijasan Mata And Raktbeej Story in Hindi

आपको बता दें कि मंदिर में माता की मूर्ति रक्तबीज के ऊपर विराजमान है। माना जाता है कि एक बार माता ने रक्तबीज नामक राक्षस से लगाईं लड़ी थी और उसको हराया था और तब देवी दुर्गा को बिजासन माता के नाम से जाना जाने लगा था।

पौराणिक कथा के अनुसार रक्तबीज नाम का एक शक्तिशाली राक्षस हुआ करता था जिसको कई सारे वरदान प्राप्त थे। जिसमें से एक बरदान ऐसा भी था कि जब रक्तबीज के खून की एक बूंद जमीन पर गिरती थी तो उससे एक और शक्तिशाली रक्तबीज पैदा हो जाता था। जिसका परिणाम यह हुआ है दुनिया में कई सारे शक्तिशाली रक्तबीज पैदा हो गए थे। रक्तबीज को मारने के लिए देवी दुर्गा ने एक तरीका निकला, और उन्होंने राक्षस को मशालों से जला दिया और उसके खून को धरती में गिरने की बजाये एक एक कटोरे में इकट्ठा करके स्वयं ने पी लिया। इसके बाद देवी ने उतने ही रूप धारण कर लिए जितने रक्तबीज थे और फिर ऐसा करके दुर्गा देवी ने सभी रक्तबीज को मार डाला। इसके बाद देवी दुर्गा को बिजासन देवी के नाम से जाना जाने लगा।

इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Indergarh Bijasan Mata Temple in hindi)

Bijasan Mata Mandir Indergarh

बिजासन माता हिंदू धर्म की एक बेहद प्रमुख और शक्तिशाली देवी हैं। ऐसा माना जाता है जो भी भक्त माता जी के मंदिर में सच्चे मन से कोई भी मनोकामना माँगा है तो वो अवश्य पूरी होती है। ऐसा माना जाता है कि माता द्रष्टिहीन को दृष्टि प्रदान करती है। मंदिर में भक्त माता पर अटूट विश्वास के साथ अपनी तरह- तरह की मनोकामना लेकर आते हैं। माता के भक्तों का मानना है कि माना उनकी प्रार्थना अवश्य सुनेगी। वैसे तो मंदिर में सालभर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्री के पवित्र अवसर पर यहाँ पर माता के दर्शन करने भक्तों की बड़ी भीड़ आती है.

इंदरगढ़ माता मंदिर जाने का अच्छा समय (Best time to visit Indergarh Mata Temple in Hindi)

Best time to visit Indergarh Mata Temple in Hindi

अगर आप बिजासन माता मंदिर या इंदरगढ़ की माता जी (indergarh bijasan mata mandir) के दर्शन करने जाने की योजना बना रहें हैं उर यां जाने के अच्छे समय के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि वैसे तो आप मंदिर के दर्शन करने साल में कभी भी जा सकते हैं। लेकिन अगर आप गर्मी के मौसम में मंदिर के दर्शन करने जाते हैं तो बता दें कि राजस्थान में गर्मी के मौसम में तेज धूप होती है और ऐसे में सीढ़ियों से मंदिर जाना चढ़ कर जाना उचित नहीं है। इसलिए आप ठंड के मौसम में या नवरात्रि के दौरान के समय माता जी के दर्शन करने के लिए जाएँ।

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