Qutub Minar in Hindi: कुतुब मीनार के बारे में हिंदी में जाने

Qutub Minar in Hindi कुतुब मीनार के बारे में हिंदी में जाने कुतुब मीनार दिल्ली में देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। आपको बता दें कि इस मीनार की उंचाई  72.5 मीटर और यह एक  यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो अतीत की भव्यता की झलक को दर्शाता है। अपनी आकर्षक वास्तुकला की वजह से कुतुब मीनार दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है।दिल्ली कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊँची मीनारों में से एक है, जिसका निर्माण 1192 में  कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था। बता दें कि इस मीनार को देश में मुस्लिम शासकों के आगमन को चिह्नित करने वाली पहली ईमारत कहा जाता है।

Qutub Minar in Hindi

कुतुब मीनार एक बहुत ही खूबसूरत बगीचे से घिरी हुई है। जिसकी सुंदरता आपको मोहित कर सकती है। आप अपनी यात्रा के दौरान इस बगीचे में आराम के कुछ पल भी बिता सकते हैं । 

1192 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब उद-दीन-ऐबक ने इस मीनार का निर्माण शुरू करवाया था बाद में उसकी मौत के बाद उनके दामाद और उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने अपने कब्जे में ले लिया और उसने तीन अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण करवाया । इसके बाद चौथी और पांचवीं मंजिल का निर्माण फिरोज शाह तुगलक के द्वारा करवाया गया था।

कुतुब मीनार का इतिहास (Qutub Minar History in Hindi)

कुतुब मीनार के निर्माण को लेकर बहुत सी बाते कही जाती हैं। जिंसमे से एक में कहा गया है कि कुतुब मीनार को जीत के प्रतिक के रूप में और इस्लामी आक्रमण की शुरुआत के सिंबल के रूप में बना गया था। जबकि कुछ कहानियों के अनुसार इसे  नमाज या प्रार्थना करने के उद्देश्य से अन्य गया है।

जिस इतिहास को स्वीकृति मिली है उसके अनुसार, ककुतुब-उद-दीन ऐबक दिल्ली का पहला मुस्लिम विजेता था और उसके द्वारा ही इस मीनार का निर्माण 1192 में करवाया गया था।

हालाकि यह भी कहा जाता है कि ककुतुब-उद-दीन ऐबक के समय में केवल मीनार का तहखाना ही पूरा हो सका था। मुख्य मस्जिद का निर्माण भी 1197 में करवया गया था। लेकिन इसके बाद ककुतुब-उद-दीन ऐबक के उत्तराधिकारी इल्तुतमिश के शासन के दौरान मीनार में तीन और मजिलों का निर्माण करवाया गया था इसके बाद

1368 में, फिरोज शाह तुगलक द्वारा कुतुब मीनार की अधिरी मंजिल का निर्माण करवाया गया था।

आपको बता दें कि Qutub Minar के जो शिलालेख है वे अरबी में हैं। यह शिलालेख कुतुबमीनार (Qutub Minar) के बारे विस्तृत जानकारी देने हैं। इन शिलालेखों के अनुसार 1489-1517 के दौरान सिकंदर लोदी ने भी इस मीनार की बहाली का काम किया था। इसके बाद मेजर आर। स्मिथ (Major R। Smith) द्वारा 1829 में इसकी फिर से मरम्मत की गई।

यह भी पढ़ें: हरिहर किले का इतिहास और घूमने की जानकारी

कुतुब मीनार की वास्तुकला (Qutub Minar Architecture in Hindi)

कुतुब मीनार इंडो-इस्लामिक अफगान वास्तुकला की शैली को प्रदर्शित करती है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया है। स्थापत्य उत्कृष्टता का एक आदर्श के रूप में यह मीनार बड़ी ही शान से खड़ी है। कुतुब मीनार की उंचाई 72.5 मीटर है और 379 सीढ़ियां आपको इसके शीर्ष तक पहुंचाती है। मीनार का आधार लगभग लगभग 47 फीट चौड़ा है और इसके शीर्ष  की चौड़ाई लगभग 9 फीट है। इसमें 5 टावर शामिल हैं और हर टावर अपनी एक अलग  डिजाइन प्रदर्शित करता ।

यह भी पढ़े: राजस्थान के प्रमुख मंदिर

Leave a Comment